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वाचकांचे आणि लेखकांचे हक्काचे व्यासपीठ !

ALFAZ / अल्फ़ाज़

Bywachankatta

May 1, 2021

जब पढ़ा उन अल्फाजोंको सुंदर लिखावट के साथ
बिन देखे समा गये तुम दिल में लिखावट के साथ

तुमसे मिलने की ख़्वाहिश न थी हमारी कभी
तुमही आ टकराये हमसे मन में बनावट के साथ

उन अल्फ़ाज़ और कलाकारी की चाहत थी हमें
तुमने की दोस्ती हमसे लफ्जों में मिलावट के साथ

लगे ढूँढने तुम्हारी बातों के असली मायने हम
तुमने जब लूट लिया हमें हँसी में सजावट के साथ

चाहत में लपेटकर हमने सच छिपाया सबसे
तुम्हारा खेल चलता रहा बातों में रूकावट के साथ

इंतजार था हमारे लिए वो अल्फ़ाज़ कलाकारी हो
तुमने कोशिशभी न की झूठी दिखावट के साथ

भेद आम कर दिया तुमने जो ख़ास था हमारा
ख़याल तुम्हारा जाता रहा ज़ेहन से थकावट के साथ

शिल्पा गंजी
shilpagg72@gmail.com

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