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वाचकांचे आणि लेखकांचे हक्काचे व्यासपीठ !

KISMAT / क़िस्मत

तुम्हारे खयालसे हवा खुशबू बन जाती है
सपनों में मेरी दुनिया जन्नत बन जाती है

तुमको पाने की चाहत ऐसे उभरती है
कहानी झूठी वो सच बन जाती है

तुमको मिलनेसे सारे अरमान जागते है
तुम्हारे फ़रेब की बात बन जाती है

मैं ख़ुश होकर इंतज़ार करती रहती हूँ
तुम्हारी बेरुख़ी मोहब्बत बन जाती है

यक़ीन एक धोका है धीरे-धीरे टूटता है
ख़ाली अहसास क़िस्मत बन जाती है

शिल्पा गंजी
shilpagg72@gmail.com

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