• Tue. Dec 24th, 2024

वाचकांचे आणि लेखकांचे हक्काचे व्यासपीठ !

FIR KYUN / फिर क्यूँ

Bywachankatta

Apr 21, 2021 ,

छत से पानी वो टपकता है
फिर भी घर ये मुस्कराता है

बूत बनाकर जिसे पूजा है
फिर पत्थर बनकर बरसता है

हर रिश्ते में प्यार बसता है
फिर खोकर विश्वास टूटता है

मुमकिन कोशिश ये जारी है
फिर बेवजह साथ छूटता है

कहानी पुरी बिखर गयी है
फिर हरेक वाक़या जुड़ता है

— शिल्पा गंजी

shilpagg72@gmail.com

Pin It on Pinterest

error: मित्र हे पेजच शेअर कर न ! कॉपी नको न करू !